कोरोना महामारी में विद्यार्थियों का सकारात्मक विकास(Positive devlopment of students in corona epidemic)
कोरोना महामारी में विद्यार्थियों का सकारात्मक विकास समय कभी नहीं ठहरता | लाख प्रयत्न करने पर भी, हम बीते समय को लौटा नहीं सकते।कोरोना महामारी ने एक लम्बे समय के अन्तराल को अपने में समेट लिया है।प्रतिदिन विद्यार्थी के विद्यालय जाने की इच्छा,विद्यालय के द्वार,बच्चों की अनवरत,अबाधित बातचीत,प्यारी सी मुस्कान लिये विद्यार्थी का विद्यालय में प्रवेश करना,इन कोमल भावनाओं और नईं-नई उम्मीदों को लिए आज बच्चे अपने घरों की सीमाओं में सिमट गए हैं।परन्तु काल हमेशा एक सा नहीं रहता,बदलता है |परिस्थतियाँ व्यक्ति को और मज़बूत बना देती हैं। '' समय कुछ भी हों बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा स्थाई बनी रहनी चाहिए'' विद्यार्थियों को बाल्यकाल से ही मानसिक रूप से मजबूत बनाना चाहिए।आज सोच को बहुत ऊँचाई पर बदलने की आवश्यकता है।सभी बच्चों को चाहे घर हों या घर से बाहर हर कार्य को करने में सक्षम होना चाहिए।...